‘खतरनाक ईको सिस्टम’, उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- सनातन और हिंदू के जिक्र से चौंक जाती हैं भटकती आत्माएं
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति ने इस बात पर अफसोस जताया कि भारत में सनातन और हिंदू के जिक्र भर से गुमराह लोगों की ओर से चौंकाने वाले बयान सामने आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शब्दों की गहराई और उनके गहरे अर्थ को समझे बिना ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं, वे खतरनाक ईको सिस्टम द्वारा संचालित गुमराह आत्माएं हैं।
जेएनयू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेदांत कांग्रेस को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि यह विडंबना और पीड़ा है कि इस देश में सनातन और हिंदू का जिक्र किए जाने भर से समझ से परे चौंकाने वाली प्रतिक्रिया सामने आती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे वक्त में जब वैश्विक विधाएं वेदांत दर्शन को अपना रही हैं। आध्यात्मिकता की इस भूमि में कुछ ऐसे लोग हैं जो वेदांत और सनातनी ग्रंथों को प्रतिगामी कहकर खारिज कर देते हैं। धनखड़ ने कहा कि खारिज करने की यह प्रवृत्ति अक्सर विकृत,औपनिवेशिक मानसिकता, हमारी बौद्धिक विरासत की अक्षम समझ से उपजी है। ये तत्व एक व्यवस्थित और भयावह तरीके से काम करते हैं।