जिन फूफा की हत्या के कारण सुरेश रैना ने छोड़ा था IPL, उनके कातिलों को मिली उम्रकैद की सजा, 12 दोषियों में 3 महिलाएं भी शामिल
पठानकोट के गांव थरियाल में 19 अगस्त 2020 की रात बावरिया गिरोह के लोगों ने सुरेश रैना के फूफा अशोक कुमार की हत्या कर दी थी। हमले में परिवार के अन्य लोग भी घायल हुए थे। अस्पताल में रैना के फूफेरे भाई ने भी दम तोड़ दिया था।
सुरेश रैना इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 बीच में ही छोड़कर दुबई से भारत लौट आये थे। दरअसल, 19 अगस्त, 2020 की रात पठानकोट जिले के गांव थरियाल में सुरेश रैना की बुआ आशा देवी और फूफा अशोक कुमार का परिवार छत पर सो रहा था। लूटपाट के इरादे से घर में घुसे अपराधियों ने विरोध करने पर धारदार हथियारों से ठेकेदार अशोक कुमार और उनके परिजन पर हमला कर दिया।
बावरिया गिरोह के इस हमले में सुरेश रैना के फूफा अशोक कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि बुआ आशा देवी (55), बुआ का बड़ा कौशल कुमार (32 साल), छोटा बेटा अपिन कुमार (24) और बुआ की सास सत्या देवी (80) भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमलावर जाते-जाते घर से नकदी और सोना भी ले गए थे।
चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया था। अस्पताल में इलाज के दौरान कौशल कुमार ने दम तोड़ दिया था। आशा रानी डेढ़ साल तक अस्पताल में कोमा में रहीं थीं। कोमा से बाहर आने के बाद उन्होंने मामले में गवाही दी। अब इस मामले में अदालत ने 3 महिलाओं समेत 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
पठानकोट के जिला सेशन जज जितेंद्र पाल सिंह खुरमी ने सभी दोषियों पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जी न्यूज ने सीनियर एडवोकेट हरीश पठानिया के हवाले से लिखा, 20 अगस्त 2020 को थाना शाहपुरकंडी में मुकदमा दर्ज कराया गया था। 42 गवाहों के बयान के बाद 31 अगस्त को जिला सेशन जज ने फैसला सुनाया।