विनेश फोगाट मामले में CAS ने कहा- हमारे पास नियम बदलने का अधिकार नहीं, जानिए मासिक धर्म की दलील पर क्या बोला खेल पंचाट
विनेश फोगाट और भारतीय ओलंपिक संघ की दलीलों में मुकाबलों के बीच कम समय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट’ में 2 किलोग्राम की छूट शामिल थी।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल से तय मानक से ज्यादा वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके खिलाफ विनेश और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) का रुख किया था। सीएएस ने विनेश के खिलाफ फैसला सुनाया था।
मामले को लेकर सोमवार (20 अगस्त) को सीएएस ने विस्तृत रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि विनेश को अयोग्य ठहराना कठोर फैसला था, लेकिन मौजूदा नियमों के अनुसार था। सीएएस की रिपोर्ट में कहा गया कि बगैर किसी अवैध या गलत काम के दूसरे दिन वजन मापने के दौरान खिलाड़ी का मानक पर खरा न उतरना काफी कठोर है।
क्या विनेश फोगाट के मामले में पहले दिन के नतीजे मान्य हो सकते थे? आइए जानते हैं CAS के पूरे फैसले से मुख्य निष्कर्ष क्या है:
आवेदक (विनेश फोगाट) 6 अगस्त को तीन कठिन मुकाबले लड़ीं और उन्हें स्वस्थ रहने के लिए खाने-पीने की जरूरत थी। आयोजन स्थल और एथलीट्स विलेज के बीच की दूरी के कारण मुकाबलों के बीच कम समय था। इससे विनेश फोगाट को दूसरे वजन माप से पहले वजन कम करने के लिए बहुत कम समय मिला।
आईओए ने 8 अगस्त, 2024 की तारीख वाला मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया। इसमें बताया गया कि विनेश फोगाट मासिक धर्म से पहले के स्टेज (Pre-menstrual phase) में थीं। आईओए ने मासिक धर्म के दौरान शरीर के वजन में होने वाले बदलावों पर मेडिकल साक्ष्य का हवाला दिया। आईओए ने कहा, “पुरुष और महिला पहलवानों के शरीर में जैविक विविधता (biological difference) होती है। मासिक धर्म को वजन मापने के दूसरे दिन महिला पहलवानों की पात्रता तय करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए।”
सीएएस: वजन और वजन श्रेणियों के संबंध में पुरुष और महिला एथलीट्स के शरीर में जैविक विविधता का कोई सबूत नहीं है। वजन श्रेणी और महिला पहलवान के तौर पर विनेश फोगाट के लिए 50 किलोग्राम वजन श्रेणी को चुनौती नहीं दी गई है। ऐसे किसी भी अंतर के प्रभाव और ऐसे प्रभावों को कम करने के लिए उठाए गए कदम काल्पनिक हैं और इसके सबूत नहीं हैं। ऐसे में उन पर विचार नहीं किया जा सकता है।
आईओए ने कहा कि वजन मशीन पर किसी के न होने पर भी 50 ग्राम दिख रहा था, जो एथलीट के अतिरिक्त वजन का आधा था।
सीएएस: तथ्य यह है कि आवेदक का वजन दूसरी बार तौलने पर 50 किलोग्राम की सीमा से अधिक था। इस बात का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं कि वजन मापने वाली मशीन में किसी तरह की गड़बड़ी थी।
विनेश फोगट ने कहा कि अलग-अलग बैकग्राउंड और प्रक्रियाओं की समझ वाले एथलीट्स को अपर्याप्त ट्रेनिंग और स्पष्टीकरण दिया गया।
सीएएस: एकल पीठ ने निष्कर्ष निकाला कि यह स्पष्ट है कि विनेश फोगाट 50 किलोग्राम से कम वजन होने आवश्यकता को जानती थीं। उन्होंने ऐसा करने का प्रयास किया। वह अपनी मर्जी से 50 किलोग्राम कुश्ती वर्ग में आई थीं। यह स्पष्ट रूप से खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि वह उस वजन सीमा में बरकरार रखे।