संघ-बीजेपी ने फिर से राम माधव पर क्यों जताया भरोसा? PM मोदी के हैं विश्वासपात्र
Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav: माधव ने ही साल 2015 में बीजेपी और पीडीपी के बीच में समझौता करवाया था। इसी के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन से सरकार बनाई थी। पढ़िये इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार लिज मैथ्यू की रिपोर्ट…
Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav: जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में चुनाव होने वाले हैं। सभी सियासी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। बीजेपी ने जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी राम माधव को बनाया है। इसी के मद्देनजर उन्होंने आज चुनाव प्रभारी के तौर पर उन्हें वापस लाने के लिए बीजेपी को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम इतना जरूरी क्यों है। माधव ने कहा कि आरएसएस मेरी मां है। हम आम तौर पर इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करते हैं। लेकिन मुझे पार्टी के काम पर लौटने के लिए संघ के द्वारा दी गई छूट और नए काम में मुझे दिए गए पूरे दिल से समर्थन को स्वीकार करना चाहिए।
60 साल के संघ परिवार के नेता फिर 2020 के बाद में फिर से सुर्खियों में छा गए हैं। बीजेपी ने दोबारा से आरएसएस के उस नेता पर भरोसा जताया है, जिसने पार्टी को जम्मू-कश्मीर में अपने पैर जमाने में मदद की थी। यहां पर पार्टी का ज्यादा असर नहीं होता था। पार्टी ने अपने सबसे जरूरी विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें फिर से जम्मू-कश्मीर में भेजा है। आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव को मोदी सरकार की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के नेता मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में माधव का रिकॉर्ड उन्हें वापस लाने के फैसले में अहम भूमिका निभाता है। कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि गुलाम नबी आजाद जैसे राजनीतिक नेताओं के साथ अपने अच्छे संबंधों के बाद वह बीजेपी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अपने ट्वीट में माधव ने कहा कि उनको चुनाव का प्रभारी चुनने के लिए वह मोदी के बहुत आभारी हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद में मुझे अहसास हुआ कि आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद में जम्मू-कश्मीर के लोगों को सही और निष्पक्ष चुनाव के जरिये सत्ता की बागडोर उन्हें देकर लोगों को सुशासन देना है।
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