Blog: चुनौतियों के बरक्स समाधान, दुनिया को अगले पांच सालों तक करना होगा गंभीर चुनौतियों का सामना, चरम पर होगा तनाव और अशांति का दौर
विश्व शांति के लिए विभिन्न देशों के मध्य मजबूत संबंधों की जरूरत है। मौजूदा विश्व संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। अंतरराष्ट्रीय संधियां विफल हो रहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र अपनी प्रासंगिकता खोता जा रहा है। पढ़ें रामानुज पाठक का लेख।
अगले पांच वर्ष दुनिया के लिए संकट का काल है। अभी पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, दक्षिण एशिया में अशांति बढ़ रही है। दक्षिण चीन में भी चीन के आक्रामक रवैये से तनाव बढ़ रहा है। यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता जारी है। ऐसे समय में विश्वव्यापी अशांति और आर्थिक चुनौतियों के बीच बहुत से देश संघर्षरत हैं। कठिन समय में कई देशों के बीच संबंध कटुतापूर्ण हैं। विश्व शांति के लिए विभिन्न देशों के मध्य मजबूत संबंधों की जरूरत है। मौजूदा विश्व संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। अंतरराष्ट्रीय संधियां विफल हो रहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र अपनी प्रासंगिकता खोता जा रहा है।
अगले पांच वर्षों में दुनिया के कुछ क्षेत्रों को गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और भी गंभीर हो सकते हैं, जैसे अधिक तीव्र और बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। भविष्य में महामारियों का खतरा बढ़ सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और बढ़ सकती है, जिससे आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की समस्या हो सकती है। प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, निजता और सुरक्षा के मुद्दे और गंभीर हो सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जिससे बीमारियों और मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है। जानवरों से मानव में विषाणु का संचरण हो सकता है, जैसे कि सार्स और एबोला आदि। विकासशील देशों में स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरी के कारण महामारी का प्रबंधन करना मुश्किल हो सकता है। जैविक हथियारों का उपयोग करके महामारी का कारण बनाया जा सकता है। अगले पांच वर्षों में विश्व में आर्थिक विषमता बढ़ने की संभावना है। इसके कई कारण हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में असमानता बढ़ रही है, जिसमें कुछ देशों और समूहों को अधिक लाभ मिल रहा है, जबकि अन्य को कम। प्रौद्योगिकी का विस्तार आर्थिक विषमता को बढ़ा सकता है, क्योंकि कुछ लोगों को इसका लाभ मिलेगा, जबकि अन्य को नहीं। शिक्षा और कौशल की कमी के कारण कुछ लोगों को आर्थिक अवसरों से वंचित किया जा सकता है। राजनीतिक अस्थिरता आर्थिक विषमता को बढ़ा सकती है, क्योंकि इससे निवेश और आर्थिक विकास प्रभावित होगा।
अगले पांच वर्षों में विश्व में राजनीतिक तनाव के कई कारण हो सकते हैं। अमेरिका, चीन, और रूस जैसी महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। मध्य पूर्व, यूक्रेन, और कश्मीर जैसे क्षेत्रों में जारी संघर्ष बढ़ सकते हैं। आप्रवासन और शरणार्थी संकट के कारण राजनीतिक तनाव पैदा हो सकता है। आर्थिक अस्थिरता, वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी। विश्व में प्रौद्योगिकी में निजता के लिए कई चुनौतियां होंगी। मसलन, डेटा सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि अधिक से अधिक डेटा आनलाइन हो रहा है।