जेएनयू कराएगा जाति आधारित गणना, छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन का बड़ा फैसला
छात्रसंघ ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की 12 प्रमुख मांगों में से छह को स्वीकार करने पर सहमत हो गया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और छात्रसंघ के बीच विभिन्न मांगों को लेकर जारी गतिरोध जल्द दूर हो सकता है क्योंकि विभिन्न मांगों को लेकर गत 15 दिन से अनशन कर रहे छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गई है। छात्रसंघ ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की 12 प्रमुख मांगों में से छह को स्वीकार करने पर सहमत हो गया है। इनमें विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने, परिसर में जाति आधारित गणना कराने, छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि करने और प्रवेश के दौरान मौखिक परीक्षा का भारांक कम करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
छात्रसंघ के मुताबिक बातचीत के दौरान प्रशासन ने इन मुद्दों को स्वीकार करने की मौखिक सहमति दी। इस सहमति के बावजूद छात्रसंघ ने अपना विरोध जारी रखा है और अध्यक्ष धनंजय तथा काउंसलर नीतीश कुमार भूख हड़ताल पर हैं। दोनों प्रशासन से लिखित में सहमति वाले मुद्दे चाहते हैं।
11 अगस्त को शुरू हुई थी भूख हड़ताल
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने यूजीसी को फंड बढ़ाने के लिए सोमवार को पत्र लिखा है। वहीं जेएनयूएसयू ने बताया कि अपने पत्र में जेएनयू प्रशासन ने ‘मेरिट कम मिन्स या योग्यता सह-साधन फंड’(एमसीएम) को बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति माह किए जाने की बात कही है। जिसे जेएनयूएसयू अपनी आंशिक जीत मान रहा है।