कोटा में सुधर रहे हालात? आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या में आई है 50 फीसदी गिरावट, जिला प्रशासन ने क्या कहा?
कोटा के कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने एक समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “पिछले साल की तुलना में इस साल कोचिंग छात्रों के बीच आत्महत्या की दर में कमी आई है,यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है, हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहेगी।”
राजस्थान के शहर कोटा में छात्रों के आत्महत्या से जुड़े मामलों में 50 फीसदी की गिरावट आई है। यह जानकारी जिला प्रशासन ने दी है। दावा किया गया है कि आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए मशहूर राजस्थान के इस कोचिंग हब में 2023 की तुलना में इस साल छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या में 50 फीसदी की कमी आई है। हालांकि,अधिकारियों ने संख्याओं का कोई विशिष्ट विवरण नहीं दिया है।
क्या जानकारी है?
कोटा के कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने एक समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “पिछले साल की तुलना में इस साल कोचिंग छात्रों के बीच आत्महत्या की दर में कमी आई है,यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है, हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहेगी।”
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोटा में 2024 में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के 17 मामले सामने आए हैं। जबकि 2023 में ऐसे 26 मामले सामने आए थे। कोटा के कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी के मुताबिक आत्महत्या के मामलों में कमी का कारण जिला प्रशासन की निगरानी में कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों के लिए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन है।
गोस्वामी ने कहा कि ‘डिनर विद कलेक्टर’ और ‘संवाद’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से कोचिंग छात्रों के साथ नियमित संवादात्मक सत्र, साथ ही महिलाओं की सुरक्षा और लड़कियों की सुरक्षा के लिए कालिका दस्ते की तैनाती ने इस बदलाव में भूमिका निभाई है। जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने इस साल ‘डिनर विद कलेक्टर’ और ‘संवाद’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से 25,000 से अधिक कोचिंग छात्रों के साथ बातचीत की, जहां छात्रों की समस्याओं को सुना गया।