Ground Report: सरोगेट मदर की मंडी, 20 लाख से शुरू हो रहा पैकेज, जैसी चॉइस, वैसी लड़की उपलब्ध करा रहे एजेंट!
देश में सरोगेसी एक्ट बना ताकि कोख की खरीद-बिक्री न हो लेकिन क्या ये रुक पाया! अस्पतालों से लेकर सोशल मीडिया पर पूरा नेटवर्क है, जो 15 से लेकर 40 लाख या इससे भी ज्यादा में आपकी शर्तों पर सरोगेट दिलवाएगा. कोई सरोगेट बनना चाहे तो उसके लिए जरूरतमंद कपल भी खोज लाएगा. खुफिया ढंग से काम करती इस दुनिया में हमने भी खुफिया नाम से सेंध लगाई और पाया कि ऑर्गन्स की तरह इसका भी रैकेट चल रहा है, लेकिन ज्यादा गुपचुप तरीके से.
किराये पर कोख- कुछ साल पहले ये टर्म काफी सुनी जाती थी. इसमें जरूरतमंद महिलाएं 9 महीनों तक किसी और का बच्चा अपने पेट में पालतीं और डिलीवरी के बाद पैसे लेकर लौट जातीं. धीरे-धीरे इस बंदोबस्त की शक्ल बिगड़ती चली गई. विदेशी कपल सरोगेसी टूरिज्म के लिए आने लगे. यहां तक कि भारत को बेबी फैक्टरी कहा जाने गया. तब हजारों ऐसे क्लीनिक थे, जो गरीब महिलाओं की मजबूरी से कमा रहे थे. सरोगेसी के लिए मानव तस्करी तक होने लगी थी. सरकार एक्ट लाई लेकिन ये गोरखधंधा रुका नहीं बल्कि भीतर ही भीतर फल-फूल रहा है.