UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में कल से लागू हो जाएगा समान नागरिक संहिता, जानिए कैसे बदलेगी तस्वीर
UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में कल से लागू हो जाएगा समान नागरिक संहिता, जानिए कैसे बदलेगी तस्वीर
धामी सरकार का कहना है कि यह निर्णय उत्तराखंड को देशभर में एक नई पहचान दिलाएगा। यूसीसी न केवल धार्मिक रीति-रिवाजों को सम्मान देगा, बल्कि आधुनिक समाज में समान अधिकार और कर्तव्य की भावना को भी बढ़ावा देगा।
उत्तराखंड में 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे 2022 के विधानसभा चुनावों में किए गए वादे को पूरा करने का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम उत्तराखंड को देश का पहला ऐसा राज्य बना देगा, जहां लिंग, जाति और धर्म के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।
यूसीसी का उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों को सरल और सभी नागरिकों के लिए समान बनाना है। इसके तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति से जुड़े कानूनों को एक समान रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने संविधान के अनुच्छेद 44 का हवाला देते हुए कहा कि यह देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
क्या है यूसीसी का मतलब और असर?
विवाह और तलाक: विवाह अब केवल उन्हीं पक्षों के बीच होगा, जिनमें से कोई भी पहले से विवाहित न हो। पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए।
विवाह और तलाक: विवाह अब केवल उन्हीं पक्षों के बीच होगा, जिनमें से कोई भी पहले से विवाहित न हो। पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए।
उत्तराधिकार और विरासत: संपत्ति और उत्तराधिकार के मामलों में सभी धर्मों के लिए समान नियम होंगे।