वो हसरत जो रह गई अधूरी… चाहकर भी इस घोटाले में कोर्ट के सामने खुद को बेदाग साबित नहीं कर पाए मनमोहन
Coal Scam Case: 2015 में सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जिसमें कहा गया कि किसी के खिलाफ़ मुकदमा चलाने लायक कोई सबूत नहीं है।
सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की
2015 में सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जिसमें कहा गया कि किसी के खिलाफ़ मुकदमा चलाने लायक कोई सबूत नहीं है। यह मामला 2005 में ओडिशा के तालाबीरा ब्लॉक में एक कोयला क्षेत्र को आदित्य बिड़ला समूह के हिस्से हिंडाल्को को आवंटित करने से जुड़ा था, जबकि उस समय प्रधानमंत्री रहे सिंह के पास कोयला मंत्रालय का सीधा प्रभार था।
अप्रैल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मनमोहन सिंह को समन भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। अक्टूबर 2015 में अदालत ने कहा कि कोयला सचिव गुप्ता ने सिंह को अंधेरे में रखा और गुप्ता व पांच अन्य के खिलाफ आरोप तय किए गए। 2017 में एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कोयला घोटाले से संबंधित एक मामले में गुप्ता, कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और कोयला आवंटन के प्रभारी निदेशक केसी समरिया समेत कोयला मंत्रालय के तीन पूर्व अधिकारियों को दोषी ठहराया था। इससे सिंह को बड़ी राहत मिली थी।